हैं शाएर-ओ-अदीब ओ मुफ़क्किर अज़ीम-तर
हैं शाएर-ओ-अदीब ओ मुफ़क्किर अज़ीम-तर
और फिर भी इंकिसार से मिलते हैं सब से वो
कुछ और भी अदब में बढ़ा उन का मर्तबा
बाईसवीं ग्रेड में आए हैं जब से वो
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हैं शाएर-ओ-अदीब ओ मुफ़क्किर अज़ीम-तर
और फिर भी इंकिसार से मिलते हैं सब से वो
कुछ और भी अदब में बढ़ा उन का मर्तबा
बाईसवीं ग्रेड में आए हैं जब से वो
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