Coupletss of Athar Nasik
नाम | अतहर नासिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Athar Nasik |
यक़ीन बरसों का इम्कान कुछ दिनों का हूँ
यहीं कहीं पे अदू ने पड़ाव डाला था
सूरज लिहाफ़ ओढ़ के सोया तमाम रात
न-जाने कौन सी मजबूरियाँ हैं जिन के लिए
मैं उसे सुब्ह न जानूँ जो तिरे संग नहीं
मैं पूछ लेता हूँ यारों से रत-जगों का सबब
कितने मअनी रखता है ज़रा ग़ौर तो कर
बनाना पड़ता है अपने बदन को छत अपनी