तुम और मैं
मुझे गोश्त की थाली समझ कर
चील की तरह झपटा मारते हो
इसे मैं प्यार समझूँ
इतनी भोली मैं नहीं हूँ
मुझ से तुम्हारा मोह ऐसा है
जैसा बिल्ली का छीछड़े से
इस को मैं प्यार समझूँ
इतनी भोली मैं नहीं हूँ
मेरे बदन को खिलौना जान कर
मर्ज़ी हो तो खेलो मर्ज़ी हो तो तोड़ डालो
इसे मैं प्यार समझूँ
इतनी भोली मैं नहीं हूँ
मैं तुम्हारे शो-केस में सजाई गुड़िया
कितनी भी उस की तारीफ़ करो
इसे मैं प्यार समझूँ
इतनी भोली नहीं हूँ मैं
रस्मों की नाइका मुझे वैश्या बनाए
और नचाए तुम्हारी ख़्वाहिशों के चकले में
इसे मैं प्यार समझूँ
इतनी भोली मैं नहीं हूँ
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