अतीक़ असर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अतीक़ असर
नाम | अतीक़ असर |
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अंग्रेज़ी नाम | Ateeq Asar |
वो बात मुझ को तो दुश्नाम सी लगी है 'अतीक़'
उठे जाते हैं दीदा-वर सभी आहिस्ता आहिस्ता
क़रीब से न गुज़र इंतिज़ार बाक़ी रख
मसर्रत और ग़म दोनों की कोई हद ज़रूरी है
चुरा के लाए हैं कुछ लोग लफ़्ज़ के मोती
शिकायत है बहुत लेकिन गिला अच्छा नहीं लगता
क़रीब से न गुज़र इंतिज़ार बाक़ी रख
हर्फ़ लर्ज़ां हैं कि होंटों पे वो आएँ कैसे?
घटा ज़ुल्फ़ों की जब से और काली होती जाती है
ग़म ये नहीं कि ग़म से मुलाक़ात हुई