Sad Poetry of Ateeq Anzar
नाम | अतीक़ अंज़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Ateeq Anzar |
जन्म की तारीख | 1963 |
जन्म स्थान | Varanasi, India |
ग़म की बंद मुट्ठी में रेत सा मिरा जीवन
दूर मुझ से रहते हैं सारे ग़म ज़माने के
उदास बैठा दिए ज़ख़्म के जलाए हुए
सुलगती रेत की क़िस्मत में दरिया लिख दिया जाए
फूल पर ओस है आरिज़ पे नमी हो जैसे
मिरी ज़िंदगी किसी मोड़ पर कभी आँसुओं से वफ़ा न दे
किसी ने भेजा है ख़त प्यार और वफ़ा लिख कर
जिस्म के घरौंदे में आग शोर करती है
जिस की ख़ातिर मैं ने दुनिया की तरफ़ देखा न था
गुज़िश्ता रात कोई चाँद घर में उतरा था
दिल के आँगन में तिरी याद का तारा चमका
बा'द मुद्दत मिले कुछ कहा न सुना भर गए ज़ख़्म पुरवाइयाँ सो गईं
अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें