अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें
अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें
आज सैलाब को सीने में छुपा कर देखें
एक बार और ज़रा दिल से मिरे खेल करें
एक बार और मिरी आँखों में आ कर देखें
आप के दिल में उतर जाऊँगा धड़कन बन कर
मेरे हाथों से कभी हाथ मिला कर देखें
क्या ख़बर आए वो जब तेज़ हों ज़ख़्मों के दिए
उन चराग़ों की लवें और बढ़ा कर देखें
बारिश-ए-ग़म में हँसी भीगी हुई है मेरी
शक अगर हो तो उसे हाथ लगा कर देखें
हम जिसे चाहते हैं दूर से देखा है उसे
जी बहुत चाहता है पास बुला कर देखें
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