अतीक़ अंज़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अतीक़ अंज़र
नाम | अतीक़ अंज़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Ateeq Anzar |
जन्म की तारीख | 1963 |
जन्म स्थान | Varanasi, India |
शाम के धुँदलकों में डूबता है यूँ सूरज
मैं तुम से तर्क-ए-तअल्लुक की बात क्यूँ सोचूँ
कहीं बुझती है दिल की प्यास इक दो घूँट से 'अनज़र'
ग़म की बंद मुट्ठी में रेत सा मिरा जीवन
गाँव के परिंदे तुम को क्या पता बिदेसों में
दूर मुझ से रहते हैं सारे ग़म ज़माने के
बिछड़ते वक़्त अना दरमियान थी वर्ना
वो ग़ज़ल की किताब है प्यारे
उदास बैठा दिए ज़ख़्म के जलाए हुए
सुलगती रेत की क़िस्मत में दरिया लिख दिया जाए
फूल पर ओस है आरिज़ पे नमी हो जैसे
न मिल सका तरी लहरों में भी क़रार मुझे
मिरी ज़िंदगी किसी मोड़ पर कभी आँसुओं से वफ़ा न दे
मिरे दिल में ख़ुश्बू बसी थी जो वो मकान अपना बदल गई
किसी ने भेजा है ख़त प्यार और वफ़ा लिख कर
कहानियाँ ख़मोश हैं पहेलियाँ उदास हैं
जिस्म के घरौंदे में आग शोर करती है
जिस की ख़ातिर मैं ने दुनिया की तरफ़ देखा न था
गुज़िश्ता रात कोई चाँद घर में उतरा था
दिल के आँगन में तिरी याद का तारा चमका
बा'द मुद्दत मिले कुछ कहा न सुना भर गए ज़ख़्म पुरवाइयाँ सो गईं
अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें