अतीक़ इलाहाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अतीक़ इलाहाबादी
नाम | अतीक़ इलाहाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ateeq Allahabadi |
जन्म स्थान | Allahabad |
नवाज़ता था हमेशा वो ग़म की दौलत से
मैं ने पूछा ये बता मुझ से बिछड़ने का तुझे
होंटों पर इक बार सजा कर अपने होंट
घर हमारा फूँक कर कल इक पड़ोसी ऐ 'अतीक़'
देव परी के क़िस्से सुन कर
'अतीक़' बुझता भी कैसे चराग़-ए-दिल मेरा
ज़ब्त की हद से हो के गुज़रना सो जाना
जुदाई हद से बढ़ी तो विसाल हो ही गया
हम तो बिछड़ के रो लेते हैं
चंद लम्हों को सही था साथ में रहना बहुत
अगरचे लाई थी कल रात कुछ नजात हवा