वक़्त ने लूटे हैं हस्ती के ख़ज़ाने कितने

वक़्त ने लूटे हैं हस्ती के ख़ज़ाने कितने

ख़ाक का ढेर हुए क़स्र न-जाने कितने

ख़्वाब एहसास नज़र याद तसव्वुर धड़कन

मैं ने तेरे लिए रक्खे हैं ठिकाने कितने

आज मंज़िल पे पहुँच कर मुझे एहसास हुआ

राह में छूट गए दोस्त पुराने कितने

दिल वो पंछी है कभी दाम में आता ही नहीं

चूक जाते हैं निगाहों के निशाने कितने

जब भी ता'बीर की आँखों से मिलाईं आँखें

रूह को छेद गए ख़्वाब सुहाने कितने

दामन-ए-सब्र न छोड़ेंगे कभी अहल-ए-वफ़ा

तुम बनाओगे मिरी जान बहाने कितने

क्या बताऊँ मैं रह-ए-शे'र-ओ-सुख़न में ऐ 'अतीब'

नक़्श छोड़े हैं मिरी फ़िक्र-ए-रसा ने कितने

(1049) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Waqt Ne LuTe Hain Hasti Ke KHazane Kitne In Hindi By Famous Poet Ateeb Ejaz. Waqt Ne LuTe Hain Hasti Ke KHazane Kitne is written by Ateeb Ejaz. Complete Poem Waqt Ne LuTe Hain Hasti Ke KHazane Kitne in Hindi by Ateeb Ejaz. Download free Waqt Ne LuTe Hain Hasti Ke KHazane Kitne Poem for Youth in PDF. Waqt Ne LuTe Hain Hasti Ke KHazane Kitne is a Poem on Inspiration for young students. Share Waqt Ne LuTe Hain Hasti Ke KHazane Kitne with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.