दम-ब-दम एक साथ बैठे हैं
दम-ब-दम एक साथ बैठे हैं
फिर भी कम एक साथ बैठे हैं
सिर्फ़ तस्वीर रह गई बाक़ी
जिस में हम एक साथ बैठे हैं
क्या तअ'ज्जुब कि मेरी तुर्बत पर
दो सनम एक साथ बैठे हैं
तू यहाँ पाँव धर नहीं सकता
तेरे ग़म एक साथ बैठे हैं
गुफ़्तुगू है कनाइयों में हुस्न
सब अजम एक साथ बैठे हैं
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