Love Poetry of Ata Abidi
नाम | अता आबिदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ata Abidi |
कोई भी ख़ुश नहीं है इस ख़बर से
ख़्वाब ही ख़्वाब की ताबीर हुआ तो जाना
अदब ही ज़िंदगी में जब न आया
ख़्वाब की दिल्ली
तुझ को ख़िफ़्फ़त से बचा लूँ पानी
तीरगी शम्अ बनी राहगुज़र में आई
तमाशा ज़िंदगी का रोज़ ओ शब है
सर पे सूरज हो मगर साया न हो ऐसा न था
साँसों के तआक़ुब में हैरान मिली दुनिया
पस-ए-दीवार हुज्जत किस लिए है
कोई भी ख़ुश नहीं है इस ख़बर से
जागते ही नज़र अख़बार में खो जाती है