एक ऊलुल-अज़्म बच्चे का एहसास
मैं हाल का मुज़्दा हूँ
मैं रौनक़-ए-फ़र्दा हूँ
बचपन का ज़माना है
ख़ुशियों का तराना है
मेमार हूँ फ़र्दा का
इमरोज़ ठिकाना है
आँखों को हमेशा मैं
सौ ख़्वाब दिखाता हूँ
मैं हाल का मुज़्दा हूँ
मैं रौनक़-ए-फ़र्दा हूँ
पढ़-लिख के बड़ा बनना
मक़्सद भी है काविश भी
इंसान की ख़िदमत का
जज़्बा भी है ख़्वाहिश भी
मैं नेक अज़ाएम से
दिल अपना सजाता हूँ
मैं हाल का मुज़्दा हूँ
मैं रौनक़-ए-फ़र्दा हूँ
माँ बाप बहन भाई
उल्फ़त है मुझे सब से
उस्ताद हों या अहबाब
निस्बत है मुझे सब से
ख़िदमत के लिए उन की
तय्यार मैं रहता हूँ
मैं हाल का मुज़्दा हूँ
मैं रौनक़-ए-फ़र्दा हूँ
मैं राज-दुलारा हूँ
मैं फूल से प्यारा हूँ
माँ बाप की आँखों का
ताबिंदा सितारा हूँ
मैं उन की उमीदों का
मरकज़ हूँ मुदावा हूँ
मैं हाल का मुज़्दा हूँ
मैं रौनक़-ए-फ़र्दा हूँ
या-रब है दुआ मेरी
नेकी हो अदा मेरी
नादान हूँ आसी हूँ
तू बख़्श ख़ता मेरी
ख़ुश मुझ से ज़माना हो
ये आरज़ू रखता हूँ
मैं हाल का मुज़्दा हूँ
मैं रौनक़-ए-फ़र्दा हूँ
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