किसी के जिस्म-ओ-जाँ छलनी किसी के बाल-ओ-पर टूटे
किसी के जिस्म-ओ-जाँ छलनी किसी के बाल-ओ-पर टूटे
जली शाख़ों पे यूँ लटके कबूतर देख आया हूँ
(937) Peoples Rate This
किसी के जिस्म-ओ-जाँ छलनी किसी के बाल-ओ-पर टूटे
जली शाख़ों पे यूँ लटके कबूतर देख आया हूँ
(937) Peoples Rate This