Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4976eb527dc0271d0a86cfbfaa225c77, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तुझ को ख़िफ़्फ़त से बचा लूँ पानी - अता आबिदी कविता - Darsaal

तुझ को ख़िफ़्फ़त से बचा लूँ पानी

तुझ को ख़िफ़्फ़त से बचा लूँ पानी

तिश्नगी अपनी छुपा लूँ पानी

ख़ाक उड़ती है हर इक चेहरे पर

किस की आँखों से निकालूँ पानी

धूप दरिया पे नज़र रखती है

तुझ को कूज़े में छुपा लूँ पानी

उड़ते फिरते हैं सरों पर बादल

ख़्वाब आँखों में बसा लूँ पानी

रोज़ बच्चों को सुला दूँ यूँही

रोज़ पत्थर को उबालूँ पानी

आग से खेलता है कल मुझ को

आ तुझे अपना बना लूँ पानी

ख़ारज़ारों पे चलूँ नंगे पाँव

ख़ुश्क धरती की दुआ लूँ पानी

सब्र की हद भी तो कुछ होती है

कितना पलकों पे सँभालूँ पानी

भूल जाऊँ न कहीं तैराकी

क्यूँ न कश्ती ही जला लूँ पानी

अपनी वहशत का इक इज़हार सही

कर के सर्द आग जला लूँ पानी

ज़ख़्म हो फूल हो या अँगारा

हो जो रौशन तो बुला लूँ पानी

शर्त है तेरी रिफ़ाक़त वर्ना

वक़्त की आग में डालूँ पानी

आग मतलूब-ए-लब-ए-तिश्ना है

मैं तुझे कैसे बुला लूँ पानी

चश्म-ए-अहबाब जो हो ख़ुश्क 'अता'

ख़ून को अपने बना लूँ पानी

(1119) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tujhko KHiffat Se Bacha Lun Pani In Hindi By Famous Poet Ata Abidi. Tujhko KHiffat Se Bacha Lun Pani is written by Ata Abidi. Complete Poem Tujhko KHiffat Se Bacha Lun Pani in Hindi by Ata Abidi. Download free Tujhko KHiffat Se Bacha Lun Pani Poem for Youth in PDF. Tujhko KHiffat Se Bacha Lun Pani is a Poem on Inspiration for young students. Share Tujhko KHiffat Se Bacha Lun Pani with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.