Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_aee8a1d4d3b27667b390fcf73fbc65dd, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सीना-ए-संग में ढूँढता है गुदाज़ - असरारुल हक़ असरार कविता - Darsaal

सीना-ए-संग में ढूँढता है गुदाज़

सीना-ए-संग में ढूँढता है गुदाज़

दे ख़ुदा दिल को इक और उम्र-ए-दराज़

हम दिखाना भी चाहें अगर कुछ को कुछ

आइनों से करें किस तरह साज़-बाज़

इक तरफ़ ख़्वाब है इक तरफ़ ज़िंदगी

देखिए कौन होता है अब सरफ़राज़

तेरे ग़म से मिली दिल को वो ज़िंदगी

तुझ से भी कर दिया है हमें बे-नियाज़

इस तरह मेरी आँखों से आँसू बहे

बे-वुज़ू ही अदा हो गई हर नमाज़

रू-ब-रू उस के दिल ही को ले कर चलें

बह चलेगा तो ख़ूँ बज उठेगा तो साज़

ये झुके या कटे बस तिरे वास्ते

मेरे काँधों को दे वो सर-ए-इम्तियाज़

उन से भी दिल को 'असरार' कैसे कहीं

राज़ को तो ब-हर-हाल रखना है राज़

(723) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sina-e-sang Mein DhunDhta Hai Gudaz In Hindi By Famous Poet Asrarul Haq Asrar. Sina-e-sang Mein DhunDhta Hai Gudaz is written by Asrarul Haq Asrar. Complete Poem Sina-e-sang Mein DhunDhta Hai Gudaz in Hindi by Asrarul Haq Asrar. Download free Sina-e-sang Mein DhunDhta Hai Gudaz Poem for Youth in PDF. Sina-e-sang Mein DhunDhta Hai Gudaz is a Poem on Inspiration for young students. Share Sina-e-sang Mein DhunDhta Hai Gudaz with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.