ऐसी नई कुछ बात न होगी

ऐसी नई कुछ बात न होगी

ख़त्म-ए-सहर तक रात न होगी

मेरी जहाँ पर बात न होगी

तेरी भी औक़ात न होगी

कैसे बुझेंगे जलते मसाइल

खुल कर जब तक बात न होगी

अहल-ए-सहर इस दर्जा मगन हैं

जैसे कभी अब रात न होगी

मेरे नहीं तो ग़ैर के हो लो

तन्हा बसर औक़ात न होगी

सूरज का जलना बुझना क्या

ख़त्म ये काली रात न होगी

दिल का सफ़र शो'लों का सफ़र है

शबनम की बरसात न होगी

बाज़ी-ए-दिल 'असरार' अगर है

मात भी तेरी मात न होगी

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Aisi Nai Kuchh Baat Na Hogi In Hindi By Famous Poet Asrarul Haq Asrar. Aisi Nai Kuchh Baat Na Hogi is written by Asrarul Haq Asrar. Complete Poem Aisi Nai Kuchh Baat Na Hogi in Hindi by Asrarul Haq Asrar. Download free Aisi Nai Kuchh Baat Na Hogi Poem for Youth in PDF. Aisi Nai Kuchh Baat Na Hogi is a Poem on Inspiration for young students. Share Aisi Nai Kuchh Baat Na Hogi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.