Sharab Poetry of Asrar-ul-Haq Majaz
नाम | असरार-उल-हक़ मजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Asrar-ul-Haq Majaz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Lucknow |
इस महफ़िल-ए-कैफ़-ओ-मस्ती में इस अंजुमन-ए-इरफ़ानी में
आप की मख़्मूर आँखों की क़सम
तआरुफ़
साक़ी
सानेहा
पहला जश्न-ए-आज़ादी
नूरा
नज़्र-ए-अलीगढ़
मेहमान
मादाम
इशरत-ए-तन्हाई
इंक़लाब
एक जिला-वतन की वापसी
दिल्ली से वापसी
आवारा
आज की रात
आज भी
आहंग-ए-नौ
ये मेरी दुनिया ये मेरी हस्ती
ये जहाँ बारगह-ए-रित्ल-ए-गिराँ है साक़ी
तस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई वो सई-ए-करम फ़रमा भी गए
साज़गार है हमदम इन दिनों जहाँ अपना
सारा आलम गोश-बर-आवाज़ है
साक़ी-ए-गुलफ़ाम बा-सद एहतिमाम आ ही गया
निगाह-ए-लुत्फ़ मत उठ ख़ूगर-ए-आलाम रहने दे
न हम-आहंग-ए-मसीहा न हरीफ़-ए-जिब्रील
मिरी वफ़ा का तिरा लुत्फ़ भी जवाब नहीं
जुनून-ए-शौक़ अब भी कम नहीं है
दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता-ए-जफ़ा पे कहीं
दर्द की दौलत-ए-बेदार अता हो साक़ी