Love Poetry of Asrar-ul-Haq Majaz (page 4)
नाम | असरार-उल-हक़ मजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Asrar-ul-Haq Majaz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Lucknow |
धुआँ सा इक सम्त उठ रहा है शरारे उड़ उड़ के आ रहे हैं
दामन-ए-दिल पे नहीं बारिश-ए-इल्हाम अभी
बस इस तक़्सीर पर अपने मुक़द्दर में है मर जाना
बर्बाद-ए-तमन्ना पे इताब और ज़ियादा
अक़्ल की सतह से कुछ और उभर जाना था
ऐश से बे-नियाज़ हैं हम लोग
आसमाँ तक जो नाला पहुँचा है
आशिक़ी जाँ-फ़ज़ा भी होती है
आओ अब मिल के गुलिस्ताँ को गुल्सिताँ कर दें