Islamic Poetry of Asrar-ul-Haq Majaz
नाम | असरार-उल-हक़ मजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Asrar-ul-Haq Majaz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Lucknow |
ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह
हिन्दू चला गया न मुसलमाँ चला गया
डुबो दी थी जहाँ तूफ़ाँ ने कश्ती
उन का जश्न-ए-साल-गिरह
सरमाया-दारी
साक़ी
सानेहा
ख़्वाब-ए-सहर
ख़िराज-अक़ीदत
दिल्ली से वापसी
अँधेरी रात का मुसाफ़िर
आज की रात
यूँही बैठे रहो बस दर्द-ए-दिल से बे-ख़बर हो कर
ये जहाँ बारगह-ए-रित्ल-ए-गिराँ है साक़ी
सीने में उन के जल्वे छुपाए हुए तो हैं
ख़ामुशी का तो नाम होता है
करिश्मा-साजी-ए-दिल देखता हूँ
कमाल-ए-इश्क़ है दीवाना हो गया हूँ मैं
दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता-ए-जफ़ा पे कहीं
आशिक़ी जाँ-फ़ज़ा भी होती है