Hope Poetry of Asrar-ul-Haq Majaz (page 2)
नाम | असरार-उल-हक़ मजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Asrar-ul-Haq Majaz |
जन्म की तारीख | 1911 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Lucknow |
अँधेरी रात का मुसाफ़िर
आवारा
आज
यूँही बैठे रहो बस दर्द-ए-दिल से बे-ख़बर हो कर
ये मेरी दुनिया ये मेरी हस्ती
तस्कीन-ए-दिल-ए-महज़ूँ न हुई वो सई-ए-करम फ़रमा भी गए
सीने में उन के जल्वे छुपाए हुए तो हैं
साक़ी-ए-गुलफ़ाम बा-सद एहतिमाम आ ही गया
रुख़्सत ऐ हम-सफ़रो शहर-ए-निगार आ ही गया
रह-ए-शौक़ से अब हटा चाहता हूँ
ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
जुनून-ए-शौक़ अब भी कम नहीं है
बर्बाद-ए-तमन्ना पे इताब और ज़ियादा
अक़्ल की सतह से कुछ और उभर जाना था
आशिक़ी जाँ-फ़ज़ा भी होती है