ये मेरी दुनिया ये मेरी हस्ती
ये मेरी दुनिया ये मेरी हस्ती
नग़्मा-तराज़ी सहबा-परस्ती
शाइर की दुनिया शाइर की हस्ती
या नाला-ए-ग़म या शोर-ए-मस्ती
सब से गुरेज़ाँ सब पर बरसती
आँखों की मस्ती महँगी न सस्ती
या ख़ुल्द ओ साक़ी ऐ जज़्ब-ए-मस्ती
या टुकड़े टुकड़े दामान-ए-हस्ती
महव-ए-सफ़र हूँ गर्म-ए-सफ़र हूँ
मेरी नज़र में रिफ़अत न पस्ती
इन अँखड़ियों का आलम न पूछो
सहबा ही सहबा मस्ती ही मस्ती
वो आ भी जाते वो हो भी जाते
चश्म-ए-तमन्ना फिर भी तरसती
उन का करम है उन की मोहब्बत
क्या मेरे नग़्मे क्या मेरी हस्ती
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