बकरा

एक सच्चा वाक़िआ है जामई

आप समझें तो है इक तमसील भी

हैं हमारे गाँव में इक मौलवी

जो बिचारे हैं बहुत नादार भी

एक बकरा उन की पूँजी है वही

दीद के क़ाबिल है जिस की फ़रबही

एक गुंडे को जो सूझी दूर की

अपने इक साथी से बोला कि भई

हो रही है जिस्म में अकड़न बड़ी

इस लिए हो जाए कुश्ती बस अभी

शर्त है आसान बिल्कुल मुफ़्त की

हार जाए हम में से जो भी अभी

वो टपा कर लाए बकरा जल्द ही

गोश्त उस का मिल के खाईं हम सभी

अब कोई जीते कि हारे जामई

जान बकरे की यक़ीनन जाएगी

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Bakra In Hindi By Famous Poet Asrar Jaamayee. Bakra is written by Asrar Jaamayee. Complete Poem Bakra in Hindi by Asrar Jaamayee. Download free Bakra Poem for Youth in PDF. Bakra is a Poem on Inspiration for young students. Share Bakra with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.