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असलम महमूद Ghazal In Hindi - Best असलम महमूद Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Aslam Mahmood

Ghazals of Aslam Mahmood
नामअसलम महमूद
अंग्रेज़ी नामAslam Mahmood

तू अपने शहर-ए-तरब से न पूछ हाल मिरा

सराब-ए-मअनी-ओ-मफ़्हूम में भटकते हैं

सफ़र से पहले सराबों का सिलसिला रख आए

रंग सारे अपने अंदर रफ़्तगाँ के हैं

रात आती है तो ताक़ों में जलाते हैं चराग़

पत्थरों पर वादियों में नक़्श-ए-पा मेरा भी है

नए पैकर नए साँचे में ढलना चाहता हूँ मैं

न मलाल-ए-हिज्र न मुंतज़िर हैं हवा-ए-शाम-ए-विसाल के

मिज़ा पे ख़्वाब नहीं इंतिज़ार सा कुछ है

मैं हज्व इक अपने हर क़सीदे की रद में तहरीर कर रहा हूँ

मैं एक रेत का पैकर था और बिखर भी गया

क्यूँ मुझ से गुरेज़ाँ है मैं तेरा मुक़द्दर हूँ

किया गर्दिशों के हवाले उसे चाक पर रख दिया

जल रहा हूँ तो अजब रंग ओ समाँ है मेरा

हर रंग-ए-तरब मौसम ओ मंज़र से निकाला

देख के अर्ज़ां लहू सुर्ख़ी-ए-मंज़र ख़मोश

दश्त मरऊब है कितना मिरी वीरानी से

बुझ गए मंज़र उफ़ुक़ पर हर निशाँ मद्धम हुआ

अक्स जल जाएँगे आईने बिखर जाएँगे

ऐ मिरे ग़ुबार-ए-सर तू ही तो नहीं तन्हा राएगाँ तो मैं भी हूँ

असलम महमूद Ghazal in Hindi - Read famous असलम महमूद Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet असलम महमूद. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet असलम महमूद. असलम महमूद Ghazals and Inspirational Nazams for Students.