Love Poetry of Aslam Kolsarii
नाम | असलम कोलसरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aslam Kolsarii |
जन्म की तारीख | 1946 |
मौत की तिथि | 2016 |
जन्म स्थान | Lahore |
ज़लज़ले का ख़ौफ़ तारी है दर-ओ-दीवार पर
यार को दीदा-ए-ख़ूँ-बार से ओझल कर के
वही ख़्वाबीदा ख़ामोशी वही तारीक तन्हाई
सोच की उलझी हुई झाड़ी की जानिब जो गई
सिर्फ़ मेरे लिए नहीं रहना
रूठ कर निकला तो वो उस सम्त आया भी नहीं
रूठ कर निकला तो वो इस सम्त आया भी नहीं
नज़र को वक़्फ़-ए-हैरत कर दिया है
जब मैं उस के गाँव से बाहर निकला था
हर-चंद बे-नवा है कोरे घड़े का पानी
हमारी जीत हुई है कि दोनों हारे हैं
ग़म की सौग़ात है ख़मोशी है
दिल-ए-पुर-ख़ूँ को यादों से उलझता छोड़ देते हैं
दयार-ए-हिज्र में ख़ुद को तो अक्सर भूल जाता हूँ
आरज़ू-ए-दवाम करता हूँ