असलम फ़र्रुख़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का असलम फ़र्रुख़ी
नाम | असलम फ़र्रुख़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Aslam Farrukhi |
जन्म स्थान | Karachi |
सारे दिल एक से नहीं होते
रौशनी हो रही है कुछ महसूस
न देख मुझ को मोहब्बत की आँख से ऐ दोस्त
कोई मंज़िल नहीं बाक़ी है मुसाफ़िर के लिए
हंगामा-ए-हस्ती से गुज़र क्यूँ नहीं जाते
आग सी लग रही है सीने में
धनक की बूँद
ज़द पे आ जाएगा जो कोई तो मर जाएगा
ये हिकायत तमाम को पहुँची
मैं सोचता हूँ कहीं तू ख़फ़ा न हो जाए
हंगामा-ए-हस्ती से गुज़र क्यूँ नहीं जाते
आग सी लग रही है सीने में