कोशिश है गर उस की कि परेशान करेगा

कोशिश है गर उस की कि परेशान करेगा

वो दुश्मन-ए-जाँ दर्द को आसान करेगा

हम उस को जवाबों से पशेमान करेंगे

वो हम को सवालों से पशेमान करेगा

पहलू-तही करते हुए दुज़्दीदा जो देखे

चेहरे के तअस्सुर से वो हैरान करेगा

तू छुप के ही आए कि बर-अफ़गन्दा-नक़ाब आए

दिल की यही आदत है कि नुक़सान करेगा

क़ज़्ज़ाक़ों की बस्ती में रहा करते हैं हम सब

हर घर को कोई दूसरा वीरान करेगा

हर टीस से उभरेगी तिरी याद की ख़ुशबू

हर ज़ख़्म मिरे शौक़ पे एहसान करेगा

'असलम' ये सुना है कि मिरा शहर-ए-वफ़ा भी

तख़रीब को शर्मिंदा-ए-ईक़ान करेगा

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Koshish Hai Gar Uski Ki Pareshan Karega In Hindi By Famous Poet Aslam Emadi. Koshish Hai Gar Uski Ki Pareshan Karega is written by Aslam Emadi. Complete Poem Koshish Hai Gar Uski Ki Pareshan Karega in Hindi by Aslam Emadi. Download free Koshish Hai Gar Uski Ki Pareshan Karega Poem for Youth in PDF. Koshish Hai Gar Uski Ki Pareshan Karega is a Poem on Inspiration for young students. Share Koshish Hai Gar Uski Ki Pareshan Karega with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.