Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f336bd96049e191ca187132e3820f8b1, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल की धड़कन अब रग-ए-जाँ के बहुत नज़दीक है - असलम इमादी कविता - Darsaal

दिल की धड़कन अब रग-ए-जाँ के बहुत नज़दीक है

दिल की धड़कन अब रग-ए-जाँ के बहुत नज़दीक है

रात बे-आवाज़ बे-अंदाज़ बे-तहरीक है

जम गई हैं तारों की आँखों पे बादल की तहें

डूब जाओ ज़ात के अंदर फ़लक तारीक है

कल के लम्हे आज के लम्हों में मुदग़म हो गए

देखना आँखों में अब जल्वा-नुमा तहरीक है

तुम मिरे कमरे के अंदर झाँकने आए हो क्यूँ

सो रहा हूँ चैन से हूँ ठीक है सब ठीक है

मौत का लम्हा अभी आया अभी जाने को है

चूम लो मिट्टी को अपनी हदिया-ए-तबरीक है

दोस्तो आँखें न खोलो ठंडी साँसें मत भरो

आ गए मंज़िल पे तुम 'असलम' बहुत नज़दीक है

(917) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Ki DhaDkan Ab Rag-e-jaan Ke Bahut Nazdik Hai In Hindi By Famous Poet Aslam Emadi. Dil Ki DhaDkan Ab Rag-e-jaan Ke Bahut Nazdik Hai is written by Aslam Emadi. Complete Poem Dil Ki DhaDkan Ab Rag-e-jaan Ke Bahut Nazdik Hai in Hindi by Aslam Emadi. Download free Dil Ki DhaDkan Ab Rag-e-jaan Ke Bahut Nazdik Hai Poem for Youth in PDF. Dil Ki DhaDkan Ab Rag-e-jaan Ke Bahut Nazdik Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Ki DhaDkan Ab Rag-e-jaan Ke Bahut Nazdik Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.