Love Poetry of Aslam Azad
नाम | असलम आज़ाद |
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अंग्रेज़ी नाम | Aslam Azad |
हज़ार बार निगाहों से चूम कर देखा
धूप के बादल बरस कर जा चुके थे और मैं
वो क्या है कौन है ये तो ज़रा बता मुझ को
वक़्त का कुछ रुका सा धारा है
किश्त-ए-दिल वीराँ सही तुख़्म-ए-हवस बोया नहीं
कहीं पे क़ुर्ब की लज़्ज़त का इक़्तिबास नहीं
कहीं पे क़ुर्ब की लज़्ज़त का इक़्तिबास नहीं
जगमगाती ख़्वाहिशों का नूर फैला रात भर
हमारी याद उन्हें आ गई तो क्या होगा
आँखों से मैं ने चख लिया मौसम के ज़हर को