वक़्त बे-वक़्त ये पोशाक मिरी ताक में है
वक़्त बे-वक़्त ये पोशाक मिरी ताक में है
जानता हूँ कि मिरी ख़ाक मिरी ताक में है
मुझ को दुनिया के अज़ाबों से डराने वालो
एक आलम पस-ए-अफ़्लाक मिरी ताक में है
साँप हर दश्त में करता है तआक़ुब मेरा
बहर-ए-बे-आब का तैराक मिरी ताक में है
जम्अ करता है शवाहिद मिरे होने के ख़िलाफ़
दर-हक़ीक़त मिरा इदराक मिरी ताक में है
है मिरे गिर्द हिफ़ाज़त के लिए एक हिसार
हो अगर कोई ग़ज़बनाक मिरी ताक में है
उस से कहना मुझे हासिल है तहफ़्फ़ुज़ ग़ैबी
जो पस-ए-पर्दा-ए-बे-चाक मिरी ताक में है
वो तो यूँ है कि बचाता है बचाने वाला
वर्ना इक लश्कर-ए-सफ़्फ़ाक मिरी ताक में है
इक तरफ़ रूह वज़ू में नहीं होती शामिल
इक तरफ़ सज्दा-ए-नापाक मिरी ताक में है
आश्ना एक है इस शहर में 'आसिम' मेरा
और वो दुश्मन-ए-बेबाक मिरी ताक में है
(894) Peoples Rate This