Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b3b8200d6b0fc2a4e3d315577f705694, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अगर चुभती हुई बातों से डरना पड़ गया तो - आसिम वास्ती कविता - Darsaal

अगर चुभती हुई बातों से डरना पड़ गया तो

अगर चुभती हुई बातों से डरना पड़ गया तो

मोहब्बत से कभी तुमको मुकरना पड़ गया तो

तिरी बिखरी हुई दुनिया समेटे जा रहा हूँ

अगर मुझको किसी दिन ख़ुद बिखरना पड़ गया तो

ज़ख़ीरा पुश्त पर बाँधा नहीं तुमने हवा का

कहीं गहरे समुंदर में उतरना पड़ गया तो

वो मुझसे दूर होता जा रहा है रफ़्ता रफ़्ता

अगर उस को कभी महसूस करना पड़ गया तो

तुम इस रस्ते में क्यूँ बारूद बोए जा रहे हो

किसी दिन इस तरफ़ से ख़ुद गुज़रना पड़ गया तो

बना रखा है मंसूबा कई बरसों का तू ने

अगर इक दिन अचानक तुझको मरना पड़ गया तो

तुम्हारी ज़िद है 'आसिम' वो निखारे हुस्न अपना

अगर उस के लिए तुम को सँवरना पड़ गया तो

(1018) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Agar Chubhti Hui Baaton Se Darna PaD Gaya To In Hindi By Famous Poet Asim Wasti. Agar Chubhti Hui Baaton Se Darna PaD Gaya To is written by Asim Wasti. Complete Poem Agar Chubhti Hui Baaton Se Darna PaD Gaya To in Hindi by Asim Wasti. Download free Agar Chubhti Hui Baaton Se Darna PaD Gaya To Poem for Youth in PDF. Agar Chubhti Hui Baaton Se Darna PaD Gaya To is a Poem on Inspiration for young students. Share Agar Chubhti Hui Baaton Se Darna PaD Gaya To with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.