ऐ मिरे दिल बता ख़्वाब बुनता है क्यूँ

ऐ मिरे दिल बता ख़्वाब बुनता है क्यूँ

रूठना उन की फ़ितरत है रोता है क्यूँ

बे-वफ़ा आदमी बे-वफ़ा ज़िंदगी

जानता है अगर दिल लगाता है क्यूँ

दूर रह कर भी जब तू मिरे पास है

तुझ को पाने को दिल फिर मचलता है क्यूँ

वो जुदा क्या हुए ज़िंदगी भी गई

आँसुओं की जगह ख़ूँ बहाता है क्यूँ

(783) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ai Mere Dil Bata KHwab Bunta Hai Kyun In Hindi By Famous Poet Asifa Zamani. Ai Mere Dil Bata KHwab Bunta Hai Kyun is written by Asifa Zamani. Complete Poem Ai Mere Dil Bata KHwab Bunta Hai Kyun in Hindi by Asifa Zamani. Download free Ai Mere Dil Bata KHwab Bunta Hai Kyun Poem for Youth in PDF. Ai Mere Dil Bata KHwab Bunta Hai Kyun is a Poem on Inspiration for young students. Share Ai Mere Dil Bata KHwab Bunta Hai Kyun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.