वो मेरे ख़्वाब ले के सिरहाने खड़ा रहा
मैं सो रही थी उस ने जगाया नहीं मुझे
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अपना घर बाज़ार में क्यूँ रख दिया
क्या ज़रूरी है शाएरी की जाए
दरयाफ़्त कर लिया है बसाया नहीं मुझे
बाज़ चेहरे बहुत हसीन सही