हम इश्क़ के बंदे हैं मज़हब से नहीं वाक़िफ़
हम इश्क़ के बंदे हैं मज़हब से नहीं वाक़िफ़
गर का'बा हुआ तो क्या बुत-ख़ाना हुआ तो क्या
(3686) Peoples Rate This
हम इश्क़ के बंदे हैं मज़हब से नहीं वाक़िफ़
गर का'बा हुआ तो क्या बुत-ख़ाना हुआ तो क्या
(3686) Peoples Rate This