Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_5fb2403367deecbfbb92c72aface7e00, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तालिब हो वहाँ आन के क्या कोई सनम का - आसिफ़ुद्दौला कविता - Darsaal

तालिब हो वहाँ आन के क्या कोई सनम का

तालिब हो वहाँ आन के क्या कोई सनम का

हो जिस को भरोसा न जहाँ एक भी दम का

क्या मैं तुझे अहवाल दिल-ओ-जाँ का बताऊँ

अब मैं तो इरादा किए बैठा हूँ अदम का

की लाखों हैं तदबीर मियाँ हम ने वो लेकिन

छूटा न ये दिल बाँधा हुआ ज़ुल्फ़ के ख़म का

या वस्ल हो या मौत कोई तरह तो होवे

कब तक रहूँ पामाल मैं इस दर्द-ओ-अलम का

जलने न दिया आतिश-ए-ग़म से जिगर-ओ-दिल

क्या क्या कहूँ एहसान मैं इस दीदा-ए-नम का

आया जो नशा मय का तो शब आँख में उस की

सौ रंग से बद-मस्ती का रंग आन के चमका

वस्ल उस का मयस्सर नहीं सच कहता है 'आसिफ़'

क्यूँ अपने तईं रखता है मसरूफ़ तू ग़म का

(855) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Talib Ho Wahan Aan Ke Kya Koi Sanam Ka In Hindi By Famous Poet Asif-ud-Daula. Talib Ho Wahan Aan Ke Kya Koi Sanam Ka is written by Asif-ud-Daula. Complete Poem Talib Ho Wahan Aan Ke Kya Koi Sanam Ka in Hindi by Asif-ud-Daula. Download free Talib Ho Wahan Aan Ke Kya Koi Sanam Ka Poem for Youth in PDF. Talib Ho Wahan Aan Ke Kya Koi Sanam Ka is a Poem on Inspiration for young students. Share Talib Ho Wahan Aan Ke Kya Koi Sanam Ka with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.