Ghazals of Asif Shafi
नाम | अासिफ़ शफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Asif Shafi |
जन्म की तारीख | 1973 |
जन्म स्थान | Qatar |
ज़मीं कहीं है मिरी और आसमान कहीं
ये मो'जिज़ा भी किसी रोज़ कर ही जाना है
ये भी करना पड़ा मोहब्बत में
उम्र सारी तिरी चाहत में बितानी पड़ जाए
राह-ए-जुनूँ पे चल परे जीना मुहाल कर लिया
कार-ए-दुनिया से गए दीदा-ए-बेदार के साथ
जमाल-ए-यार को तस्वीर करने वाले थे
जहान-ए-हुस्न-ओ-नज़र से किनारा करना है
हर तरफ़ है फ़ुसूँ मोहब्बत का
फ़लक को किस ने इक परकार पर रक्खा हुआ है
एक यूसुफ़ के ख़रीदार हुए हैं हम लोग
दिल में वफ़ा की है तलब लब पे सवाल भी नहीं
और अब ये दिल भी मेरा मानता है
ऐ मुझे 'मीर' के अशआ'र सुनाने वाले