ख़ुदा से मशवरा माँगा है तेरे बारे में
ख़ुदा से मशवरा माँगा है तेरे बारे में
कोई इशारा तो अब होगा इस्तिख़ारे में
ये मेरी साँस जो चाहे ख़रीद सकता है
मैं भर के बेच रहा हूँ उसे ग़ुबारे में
जो बात बात पे दीवार रोने लगती है
किसी का ख़ून मिलाया है तू ने गारे में
वो इक चराग़ जो आया है मेरे हिस्से में
वो जल रहा है किसी दूसरे सितारे में
पता नहीं है जो इश्क़-ओ-हवस का फ़र्क़ तुझे
बताऊँ सूरा-ए-यूसुफ़ है किस सिपारे में
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