Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_479097d02b2731f98cb3c3d966044b89, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
साए की तरह कोई मिरे साथ लगा था - अासिफ़ जमाल कविता - Darsaal

साए की तरह कोई मिरे साथ लगा था

साए की तरह कोई मिरे साथ लगा था

क्या घर की तरह दश्त भी आसेब-ज़दा था

पुर्सिश को न था कोई तो तन्हा था बहुत मैं

महरूम जो था सब से ख़फ़ा रहने लगा था

हर दम नए एहसास का तूफ़ान था दिल में

क्या जानिए मैं कौन सी मिट्टी से बना था

क्या क्या न परेशानी-ए-ख़ातिर से गुज़र आए

क्या क्या न पड़े रंज कि देखा न सुना था

नाले को उसी दिल में उतर जाने की हसरत

और नय को उसी भूलने वाले का गिला था

आशुफ़्तगी-ए-सर की जो तोहमत है ग़लत है

मैं अपनी ही ख़ुशबू से परेशान फिरा था

ये कौन दिल-ओ-जाँ से हम-आहंग हुआ है

इस दर्जा तो महसूस ख़ुदा भी न हुआ था

(787) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Sae Ki Tarah Koi Mere Sath Laga Tha In Hindi By Famous Poet Asif Jamal. Sae Ki Tarah Koi Mere Sath Laga Tha is written by Asif Jamal. Complete Poem Sae Ki Tarah Koi Mere Sath Laga Tha in Hindi by Asif Jamal. Download free Sae Ki Tarah Koi Mere Sath Laga Tha Poem for Youth in PDF. Sae Ki Tarah Koi Mere Sath Laga Tha is a Poem on Inspiration for young students. Share Sae Ki Tarah Koi Mere Sath Laga Tha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.