Ghazals of Asif Jamal
नाम | अासिफ़ जमाल |
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अंग्रेज़ी नाम | Asif Jamal |
वो बे-हुनर हूँ कि है ज़िंदगी वबाल मुझे
सहरा से भी वीराँ मिरा घर है कि नहीं है
साए की तरह कोई मिरे साथ लगा था
मगर नहीं था फ़क़त 'मीर' ख़्वार मैं भी था
कैसी आशुफ़्तगी-ए-सर है यहाँ
हम भी थे गोशा-गीर कि गुमनाम थे बहुत
एक सर्द जंग है अब मोहब्बतें कहाँ
दिल है कि हमें फिर से उधर ले के चला है
भूले हुए हैं सब कि है कार-ए-जहाँ बहुत
आँख बे-ख़्वाब हुई है कैसी