Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9a7ec9ac82e915a4bdb623be793cfa87, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
इस की जुदाई कैसे कमालात कर गई - अशरफ़ शाद कविता - Darsaal

इस की जुदाई कैसे कमालात कर गई

इस की जुदाई कैसे कमालात कर गई

वो ख़्वाब बन के मुझ से मुलाक़ात कर गई

देखा उसे जो मैं ने तो कुछ भी न सुन सका

क्या बात कर रही थी वो क्या बात कर गई

नादीदा मंज़िलों के लिए रास्तों की धूल

जब कहकशाँ बनी तो करामात कर गई

रातों से छीन कर वो चराग़ों की रौशनी

जब सुब्ह हो गई तो उसे रात कर गई

हद्द-ए-अदब में यूँ तो मरे सिल गए थे होंट

इक ख़ामुशी भी कितने सवालात कर गई

फिर इस के बा'द मेरी समाअ'त ही खो गई

कानों में मेरे जाने वो क्या बात कर गई

आँखों में कुछ नमी तो हमेशा रही है 'शाद'

आँखों की उस नमी को वो बरसात कर गई

(908) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Isko Judai Kaise Kamalat Kar Gai In Hindi By Famous Poet Ashraf Shad. Isko Judai Kaise Kamalat Kar Gai is written by Ashraf Shad. Complete Poem Isko Judai Kaise Kamalat Kar Gai in Hindi by Ashraf Shad. Download free Isko Judai Kaise Kamalat Kar Gai Poem for Youth in PDF. Isko Judai Kaise Kamalat Kar Gai is a Poem on Inspiration for young students. Share Isko Judai Kaise Kamalat Kar Gai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.