Ghazals of Ashraf Shad
नाम | अशरफ़ शाद |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashraf Shad |
जन्म की तारीख | 1946 |
उन से मिला तो फिर मैं किसी का नहीं रहा
थीं ज़मीनें गुम-शुदा और आसमाँ मिलता न था
निकली वो ज़िंदगी से तो पामाल हो गया
जो ज़िंदगी बची है उसे ख़ार क्या करें
इस की जुदाई कैसे कमालात कर गई
दे आया अपनी जान भी दरबार-ए-इश्क़ में
चाँद तारों से भरा ये आसमाँ दे जाऊँगा