Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_1589f71c5c6d4c20377bbe246d003bf7, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अहद-ए-वफ़ा न याद दिलाएँ तो क्या करें - अशरफ़ रफ़ी कविता - Darsaal

अहद-ए-वफ़ा न याद दिलाएँ तो क्या करें

अहद-ए-वफ़ा न याद दिलाएँ तो क्या करें

हम उन को हाल-ए-दिल न सुनाईं तो क्या करें

जिन से नहीं है आप की मंज़िल को वास्ता

उन रास्तों से लौट न जाएँ तो क्या करें

वो हर तरफ़ हैं सम्त की जब क़ैद ही नहीं

दैर-ओ-हरम में सर न झुकाएँ तो क्या करें

मोहकम है रब्त-ए-इश्क़ तो नज़दीक-ओ-दूर क्या

आएँ तो क्या करें वो न आएँ तो क्या करें

माना कि हम को ताब-ए-नज़र है न शौक़-ए-दीद

रुख़ से वो ख़ुद ही पर्दा उठाएँ तो क्या करें

'अशरफ़' को था अमल से ज़ियादा करम पे नाज़

काम आ गई हैं उस की ख़ताएँ तो क्या करें

(1057) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ahd-e-wafa Na Yaad Dilaen To Kya Karen In Hindi By Famous Poet Ashraf Rafi. Ahd-e-wafa Na Yaad Dilaen To Kya Karen is written by Ashraf Rafi. Complete Poem Ahd-e-wafa Na Yaad Dilaen To Kya Karen in Hindi by Ashraf Rafi. Download free Ahd-e-wafa Na Yaad Dilaen To Kya Karen Poem for Youth in PDF. Ahd-e-wafa Na Yaad Dilaen To Kya Karen is a Poem on Inspiration for young students. Share Ahd-e-wafa Na Yaad Dilaen To Kya Karen with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.