Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3578eaf75622e44ecb82f60911dd7ff6, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दर्द लेंगे न हम दवा लेंगे - अशरफ़ नक़वी कविता - Darsaal

दर्द लेंगे न हम दवा लेंगे

दर्द लेंगे न हम दवा लेंगे

अपने हिस्से की कुछ सज़ा लेंगे

बात वो जो कभी हुई ही नहीं

हम उसी बात का मज़ा लेंगे

लोग वैसे भी आज़माते हैं

लोग ऐसे भी आज़मा लेंगे

काँच सा दिल कहाँ पे रख्खोगे

लोग पत्थर अगर उठा लेंगे

तुम भी सूरज को सामने रखना

हम भी अपने दिए जला लेंगे

वो अगर बन गया कोई मंज़र

हम उसे आँख में सजा लेंगे

वो उजाला है हम उजाले को

दिल-ए-तारीक में छुपा लेंगे

(873) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dard Lenge Na Hum Dawa Lenge In Hindi By Famous Poet Ashraf Naqvi. Dard Lenge Na Hum Dawa Lenge is written by Ashraf Naqvi. Complete Poem Dard Lenge Na Hum Dawa Lenge in Hindi by Ashraf Naqvi. Download free Dard Lenge Na Hum Dawa Lenge Poem for Youth in PDF. Dard Lenge Na Hum Dawa Lenge is a Poem on Inspiration for young students. Share Dard Lenge Na Hum Dawa Lenge with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.