Ghazals of Ashraf Ali Fughan
नाम | अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashraf Ali Fughan |
जन्म की तारीख | 1725/6 |
मौत की तिथि | 1772 |
उठ चुका दिल मिरा ज़माने से
ख़ून आँखों से निकलता ही रहा
इस जौर ओ जफ़ा से तिरे ज़िन्हार न टूटे
हरगिज़ मिरा वहशी न हुआ राम किसी का
हैफ़ दिल में तिरे वफ़ा न हुई
दिल धड़कता है कि तू यार है सौदाई का
देखिए ख़ाक में मजनूँ की असर है कि नहीं
डरता हूँ मोहब्बत में मिरा नाम न होवे
बस-कि दीदार तिरा जल्वा-ए-क़ुद्दूसी है
बहार आई है सोते को टुक जगा देना
अक्स भी कब शब-ए-हिज्राँ का तमाशाई है
ऐ तजल्ली क्या हुआ शेवा तिरी तकरार का
अगर आशिक़ कोई पैदा न होता
अबस अबस तुझे मुझ से हिजाब आता है
आलम में अगर इश्क़ का बाज़ार न होता