Ghazals of Ashhad Bilal Ibn-e-chaman
नाम | अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Ashhad Bilal Ibn-e-chaman |
जन्म की तारीख | 1980 |
ज़ख़्म-ए-फ़ुर्क़त को तिरी याद ने भरने न दिया
वो मेरा है तो कभी भी न आज़माऊँ उसे
तीर-ए-नज़र ने आप की घाएल किया मुझे
सोचते हैं कि बुलबुला हो जाएँ
हम ने देखा है इतने खंडर ख़्वाब में
हीला है हवाला है
घटा जब रक़्स करती है तो उन की याद आती है
दिल मानता नहीं है मनाने के बअ'द भी
आ जाओ अब तो ज़ुल्फ़ परेशाँ किए हुए