हैरत है वो ख़ून की बातें करते हैं
हैरत है वो ख़ून की बातें करते हैं
जो अक्सर क़ानून की बातें करते हैं
जिन की जेबें अक्सर ख़ाली रहती हैं
जाने क्यूँ क़ारून की बातें करते हैं
अपनी गलियों का भी जिन को इल्म नहीं
देखो वो रंगून की बातें करते हैं
कब से मौसम सर्द पड़ा है मिलने का
और वो हैं कि जून की बातें करते हैं
दिल की दुनिया बिग-बाज़ार में रहती है
वो मुझ से परचून की बातें करते हैं
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