Love Poetry of Ashfaq Nasir
नाम | अशफ़ाक़ नासिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashfaq Nasir |
वो शख़्स जिस की ख़ुशी का बाइस थीं मेरी बातें
वो फूल हो सितारा हो शबनम हो झील हो
हम आइने में तिरा अक्स देखने के लिए
ये लोग ढूँड रहे हैं यहाँ वहाँ मुझ को
याद रक्खेगा मिरा कौन फ़साना मिरे दोस्त
ताएरों की उड़ान में हम हैं
पीला था चाँद और शजर बे-लिबास थे
मैं सीखता रहा इक उम्र हाव-हू करना
दिल किसी ख़्वाहिश का उकसाया हुआ
अक्स को फूल बनाने में गुज़र जाती है
अजब तरह के कमाल करने भी आ गए हैं
अगर ख़ुशी में तुझे गुनगुनाते लगते हैं