दिल किसी ख़्वाहिश का उकसाया हुआ

दिल किसी ख़्वाहिश का उकसाया हुआ

फिर मचल उट्ठा है बहलाया हुआ

जा तुझे तेरे हवाले कर दिया

खेंच ले ये हाथ फैलाया हुआ

जिस तरह है ख़ुश्क पत्तों को हवा

मेरे हिस्से में है तू आया हुआ

ये बगूले हैं कि इस्तिक़बाल-ए-क़ैस

फिर रहा है दश्त घबराया हुआ

बज़्म में बस इक रुख़-ए-रौशन के फ़ैज़

जो जहाँ मौजूद था साया हुआ

क्या करूँ ऐ कार-ए-दुनिया क्या करूँ

वो मुझे है फिर से याद आया हुआ

(818) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Kisi KHwahish Ka Uksaya Hua In Hindi By Famous Poet Ashfaq Nasir. Dil Kisi KHwahish Ka Uksaya Hua is written by Ashfaq Nasir. Complete Poem Dil Kisi KHwahish Ka Uksaya Hua in Hindi by Ashfaq Nasir. Download free Dil Kisi KHwahish Ka Uksaya Hua Poem for Youth in PDF. Dil Kisi KHwahish Ka Uksaya Hua is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Kisi KHwahish Ka Uksaya Hua with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.