Friendship Poetry of Ashfaq Nasir
नाम | अशफ़ाक़ नासिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashfaq Nasir |
शाम ढलने से फ़क़त शाम नहीं ढलती है
हिज्र इंसाँ के ख़द-ओ-ख़ाल बदल देता है
याद रक्खेगा मिरा कौन फ़साना मिरे दोस्त
मैं सीखता रहा इक उम्र हाव-हू करना
नाम | अशफ़ाक़ नासिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashfaq Nasir |
शाम ढलने से फ़क़त शाम नहीं ढलती है
हिज्र इंसाँ के ख़द-ओ-ख़ाल बदल देता है
याद रक्खेगा मिरा कौन फ़साना मिरे दोस्त
मैं सीखता रहा इक उम्र हाव-हू करना