अशफ़ाक़ नासिर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अशफ़ाक़ नासिर
नाम | अशफ़ाक़ नासिर |
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अंग्रेज़ी नाम | Ashfaq Nasir |
वो शख़्स जिस की ख़ुशी का बाइस थीं मेरी बातें
वो फूल हो सितारा हो शबनम हो झील हो
वो जिस में लौट के आती थी एक शहज़ादी
शाम होती है तो लगता है कोई रूठ गया
शाम ढलने से फ़क़त शाम नहीं ढलती है
जा तुझे तेरे हवाले कर दिया
हम फ़क़त तेरी गुफ़्तुगू में नहीं
हम आइने में तिरा अक्स देखने के लिए
हिज्र इंसाँ के ख़द-ओ-ख़ाल बदल देता है
ऐ जुनूँ उस की कहानी भी सुनाऊँगा तुझे
ये लोग ढूँड रहे हैं यहाँ वहाँ मुझ को
याद रक्खेगा मिरा कौन फ़साना मिरे दोस्त
ताएरों की उड़ान में हम हैं
रंज जो दीदा-ए-नमनाक में देखा गया है
पीला था चाँद और शजर बे-लिबास थे
मैं सीखता रहा इक उम्र हाव-हू करना
दिल किसी ख़्वाहिश का उकसाया हुआ
अक्स को फूल बनाने में गुज़र जाती है
अजब तरह के कमाल करने भी आ गए हैं
अगर ख़ुशी में तुझे गुनगुनाते लगते हैं