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ज़ूमिंग - अशफ़ाक़ हुसैन कविता - Darsaal

ज़ूमिंग

देखूँ जो आसमाँ से तो इतनी बड़ी ज़मीं

इतनी बड़ी ज़मीन पे छोटा सा एक शहर

छोटे से एक शहर में सड़कों का एक जाल

सड़कों के जाल में छुपी वीरान सी गली

वीराँ गली के मोड़ पे तन्हा सा इक शजर

तन्हा शजर के साए में छोटा सा इक मकान

छोटे से इक मकान में कच्ची ज़मीं का सहन

कच्ची ज़मीं के सहन में खिलता हुआ गुलाब

खिलते हुए गुलाब में महका हुआ बदन

महके हुए बदन में समुंदर सा एक दिल

उस दिल की वुसअ'तों में कहीं खो गया हूँ मैं

यूँ है कि इस ज़मीं से बड़ा हो गया हूँ मैं

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Zooming In Hindi By Famous Poet Ashfaq Husain. Zooming is written by Ashfaq Husain. Complete Poem Zooming in Hindi by Ashfaq Husain. Download free Zooming Poem for Youth in PDF. Zooming is a Poem on Inspiration for young students. Share Zooming with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.